banner

तलछट विज्ञान

टकराव से पहले के अभिलेख (अर्थात लघु हिमालय के प्रोटेरोज़ोइक तलछट) से मदद मिल सकती है

1. विस्तारित उत्तर भारतीय क्रेटोनिक मार्जिन (जो समय के साथ समाप्त हो गया) की प्रकृति (अर्थात चाप/निष्क्रिय मार्जिन) को समझने और कोलंबिया और रोडिनिया में 'सुपरकॉन्टिनेंट वास्तुकला' के परिष्करण में

2. प्रोटेरोज़ोइक जलवायु की बारीकियों को संबोधित करें, विशेष रूप से, बेसिन होस्ट किए गए कार्बोनेट एक प्रॉक्सी के रूप में कार्य कर सकते हैं कि कैसे महासागर रसायन विज्ञान में परिवर्तन ने जीवन के विकास को जन्म दिया। इसके विपरीत, सिवालिक और सिंधु गुड़ जैसे सिन और पोस्ट टकराव बेसिन एशिया और भारत के टकराव और हिमालय में थ्रस्ट शीट लोडिंग के रूप में परिदृश्य परिवर्तनों की गवाही देते हैं। युवा (लेट प्लेइस्टोसिन-होलोसीन) घटना इस पर्वत श्रृंखला को सूखाने वाली नदियों के परिदृश्य में संग्रहीत है। टेक्टोनिक्स जो परिदृश्य को आकार देने और तलछटी बेसिनों को विकसित करने में एक व्यापक भूमिका निभा सकते हैं। जलवायु परिवर्तनशीलता भी इसका एक अभिन्न अंग है। जलवायु-टेक्टोनिक्स का परिवर्तनशील के रूप में अस्थायी रिकॉर्ड तलछट और परिदृश्य में संग्रहीत है। इसलिए इस परियोजना का उद्देश्य है :

  • झील, पीट, स्पेलियोथेम और पैलियोग्लेशियल अभिलेखों का उपयोग करके अतीत की जलवायु और चरम स्थितियों तथा प्रतिक्रियाओं का पुनर्निर्माण करना

  • हिमालय और उसके अग्रभूमि के टेक्टोनो-जलवायु विकास के चतुर्थक चिह्नों का चित्रण

  • तलछटी अभिलेखों का उपयोग करके सिंक और टक्कर के बाद के परिदृश्य का निर्माण

  • हिमालय पूर्व तलछटी घाटियों के तलछटी पैटर्न और बेसिन विकास को समझना

  • पता लगाएँ कि महासागरीय जल के रसायन में परिवर्तन से पृथ्वी पर जीवन का विकास और प्रसार किस प्रकार हुआ

टीम के सदस्य

डॉ. एन.के.मीणा (ओन लियन )

  • 0135-2525357
  • naren[at]wihg[dot]res[dot]in
डॉ अनिल कुमार

डॉ अनिल कुमार

वैज्ञानिक ‘D’

  • 9045179890
  • akumar[at]wihg[dot]res[dot]in
डॉ. सी. पेरुमलसामी

डॉ. सी. पेरुमलसामी

वैज्ञानिक ‘C’

  • 8300226468
  • peruc[at]wihg[dot]res[dot]in
डॉ. सुभोजित साहा

डॉ. सुभोजित साहा

वैज्ञानिक ‘C’

  • 0135-2525267
  • subhojit[at]wihg[dot]res[dot]in
डॉ. प्रमोद राजक

डॉ. प्रमोद राजक

वैज्ञानिक ‘B’

  • 9335499785
  • pramodrajak[at]wihg[dot]res[dot]in