राजभाषा पटल
वर्ष 2024-25 की अंतिम तिमाही (जनवरी 20- मार्च 25) के दौरान संस्थान के समिति कक्ष में दि. 13.03.25 को आयोजित पूर्ण दिवसीय हिंदी कार्यशाला के प्रथम सत्र में व्याख्यान श्रृंखला आयोजित की गई, जिसके अंतर्गत संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. सोम दत्त द्वारा ‘‘हिमालय में भूपर्यटन एवं भूविरासत‘‘ तथा डॉ. गौतम रावत, वैज्ञानिक ‘ई‘ एवं राजभाषा अधिकारी द्वारा ‘‘संविधान में राजभाषा की स्थिति विषय पर अपने व्याख्यान दिए।
वर्ष 2024-25 की तृतीय तिमाही (अक्टूबर 24 - दिसंबर 24) के दौरान आयोजित पूर्ण दिवसीय हिंदी कार्यशाला के प्रथम सत्र में व्याख्यान श्रृंखला आयोजित की गई, जिसके अंतर्गत संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. परमजीत सिंह द्वारा ‘‘उत्तर-पश्चिम -हिमालय के कुमाऊं क्षेत्र में एमबीटी और उसके क्षेत्र के आसपास टेक्टोनिक गतिविधियां और लघु हिमालय के अनावरण में भूमिका ‘‘ विषय पर तथा संस्थान के अनुवाद अधिकारी द्वारा ‘‘एरीज, नैनीताल में आयोजित द्वितीय अखिल भारतीय वैज्ञानिक और तकनीकी संगोष्ठी - एक समीक्षा ‘‘ विषय पर अपने व्याख्यान दिए गए।
कार्यशाला के द्वितीय सत्र में डॉ. गौतम रावत, वैज्ञानिक ‘ई‘ व राजभाषा अधिकारी द्वारा कार्यशाला में उपस्थित प्रशिक्षुओं को मूलभूत हिंदी टंकण पर व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया गया।



वर्ष 2024-25 के दौरान संस्थान से भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित हिंदी दिवस एवं अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन में सहभागिता की गई।
संस्थान ने दिसंबर 2024 माह में एरीज, नैनीताल में आयोजित द्वितीय अखिल भारतीय राजभाषा संगोष्ठी व जनवरी 2025 में डीएसटी, नई दिल्ली में आयोजित माननीय संसदीय समिति के समक्ष प्रस्तुत की जाने वाली निरीक्षण प्रश्नावली पर आयोजित कार्यशाला में भी सहभाग किया।
नराकास, देहरादून, का.1 द्वारा भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा दि. 11.03.25 को आयोजित नराकास बैठक में सहभागिता की गई तथा नराकास द्वारा वर्ष 2023-24 के लिए राजभाषा के श्रेष्ठ कार्यनिष्पादन के अंतर्गत 46 सदस्यों कार्यालयों के मध्य षष्टम स्थान प्राप्त कर प्रोत्साहन प्रमाण पत्र प्राप्त किया।