WIHG के बारे में

देहरादून में वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान (WIHG) में आपका स्वागत है। यह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST), भारत सरकार का एक स्वायत्त संस्थान है, जो 1968 में अस्तित्व में आया था। यह राजसी हिमालय की पर्वत श्रृंखला को जानने और भूकंपजनन, भू-गतिकी प्रक्रियाओं, जलवायु-विवर्तनिक अंतर्क्रियाओं, जीवन के विकास और विलुप्त होने, अयस्क निर्माण, हिमनद विज्ञान, नदी प्रणाली, प्राकृतिक खतरों (भूस्खलन, बाढ़ और भूकंप), मानवजनित प्रभाव आदि पर बेहतर समझ प्रदान करने के लिए बुनियादी शोध कर रहा है, ताकि आबादी की भलाई और हिमालय और आसपास के क्षेत्रों में संपत्तियों और संरचनाओं की सुरक्षा की जा सके।

हमारा विशेष कार्य

भू-गतिकी प्रक्रियाओं, जलवायु परिवर्तनशीलता, प्राकृतिक संसाधनों, जीवन के विकास, प्राकृतिक खतरों के आकलन और न्यूनीकरण की समझ में सुधार के लिए पर्वत निर्माण, विशेष रूप से हिमालय से संबंधित भूवैज्ञानिक सत्यों को जानने के लिए निरंतर प्रयास करना।

WIHG के बारे में

हमारा नज़रिया

हिमालयी क्षेत्र में सतत विकास और सुरक्षित जीवन को बढ़ावा देने के लिए पृथ्वी प्रक्रियाओं के बारे में उभरते ज्ञान का अनुप्रयोग।

हमारा विशेष ध्यान

अंतःविषयक दृष्टिकोण के माध्यम से हिमालय के भू-गतिकी विकास के लिए नई अवधारणाओं और मॉडलों के विकास की दिशा में अनुसंधान करना।

खनिज, औद्योगिक सामग्री, ग्लेशियर और जल जैसे प्राकृतिक भंडारों के अन्वेषण की रणनीति और प्रबंधन विकसित करना। प्राकृतिक आपदाओं का कारण बनने वाली भौतिक प्रक्रियाओं को समझने के लिए अनुसंधान की योजना बनाना और उसका समन्वय करना, उनकी जोखिम क्षमता का मूल्यांकन करना और उपचारात्मक उपाय सुझाना।

हिमालय के भूविज्ञान पर डेटाबेस के लिए राष्ट्रीय संदर्भ केंद्र के रूप में कार्य करना।