हिमालय और आसपास के क्षेत्रों के सतत विकास के लिए राष्ट्रीय भूविज्ञान केंद्र के रूप में कार्य करना।
सामयिक मुद्दों पर ध्यान देना तथा भूविज्ञान में अत्याधुनिक अनुसंधान करना।
उच्च परिशुद्धता क्षेत्र और प्रयोगात्मक अवलोकनों के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करने के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं और भूवैज्ञानिक वेधशालाओं के नेटवर्क का विकास करना।
छात्रवृत्ति, ज्ञान के प्रसार और संवर्धन की परंपरा को बढ़ावा देना तथा क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना।
भारत सरकार के मौजूदा मानदंडों के अनुसार वैज्ञानिक आदान-प्रदान और संसाधन सृजन के लिए अनुसंधान प्रयोगशालाओं और विश्वविद्यालयों/संस्थानों के साथ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग विकसित करना।
सामाजिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विशेषज्ञ और/या परामर्श सेवाएं प्रदान करना।
ऐसी अन्य गतिविधियां शुरू करना जो WIHG द्वारा निर्धारित उद्देश्यों या लक्ष्यों को प्राप्त करने में आवश्यक, आकस्मिक या सहायक हो सकती हैं।